हस्तमैथुन बुरा है, हम सब जानते हैं । हस्तमैथुन करते समय तो आनंद आता है और वीर्य निकलते समय तो आनंद की वर्षा होती है, परन्तु वीर्य निकलने के बाद भीतर कहीं बहुत बुरा लगता है । तब लगता है कि हमने ये हस्तमैथुन की क्रिया करी ही क्यों? अंग्रेजी में एक शब्द यहाँ fit बैठेगा “Guilt”.
सबसे पहले वीर्य (sperm) का क्या अर्थ होता है यह जान लेते हैं । वीर्य का अर्थ वीरता से सम्बंधित है । आप जब अपना वीर्य निकालते हैं तो अपनी वीरता का कुछ प्रतिशत भी साथ में निकाल रहे होते हैं । हनुमान जी इसीलिए महावीर हैं हैं क्यूंकि उन्होंने अपने शरीर में अपने वीर्य को सुरक्षित रखा ।
अब इसका अर्थ यह नहीं निकलना है कि हमें भी वीर बनने के लिए ब्रह्मचारी बनना पड़ेगा । शास्त्रों में कहा गया है कि जो विवाह होने के बाद अपनी पत्नी को छोड़कर सभी स्त्रियों को माता, बहन अथवा बेटी के रूप में देखता है वह भी ब्रह्मचारी है । वो स्त्री भी ब्रह्मचारिणी है जो अपने पति को छोड़कर बाकी सभी पुरुष में अपने भाई या पिता को देखती है ।
आयुर्वेद कहता है कि यदि आप अपनी पत्नी के साथ सप्ताह (week) में एक बार सम्भोग करते हैं तो भी आप अपना वीर्य संरक्षित ही कर रहे हैं । अर्थात सप्ताह में अपनी पत्नी के साथ एक बार सम्भोग करने से भी आपका वीर्य सुरक्षित ही रहेगा और समय के साथ आपके बल में कमी नहीं होगी ।
अब बात करते हैं वीर्य क्या है? क्या यह वीर्य शरीर में कहीं इकट्ठा (collect) होता है ?
नहीं । वीर्य शरीर में कहीं इकट्ठा नहीं होता । सम्भोग करते समय या हस्तमैथुन करते समय पूरे शरीर में जो नसें – नाड़ियाँ हैं उन सब में घर्षण होता है और उससे जो रस बनता ही वही वीर्य है ।
हस्तमैथुन करने से क्या हानि है ?
हस्तमैथुन करने वालों का जब विवाह होता है तब उन्हें अपनी पत्नी को संतुष्ट करने के लिए sex medicines लेनी पड़ती हैं । क्यूंकि हस्तमैथुन करने से धीरे धीरे शरीर का बल काम हो जाता है और sex timing में कमी आती है । सम्भोग करने के बाद शरीर में दर्द कमजोरी भी आ जाती है ।
40 कि आयु पार करते ही 60 वर्ष वाला बुढ़ापा उनके चेहरे और शरीर से झलकता है । चेहरे की सारी चमक समाप्त हो जाती है । जीवन में सुख भोगने के लिए सबसे पहली मांग है स्वस्थ शरीर और शरीर स्वस्थ तभी रहेगा जब उसमें बल होगा और बल तभी होगा जब आप नियमित रूप से सुबह व्यायाम करेंगे और अच्छा खान – पान रखेंगे । परन्तु व्यायाम भी तभी हो पायेगा जब शरीर में पहले से थोड़ा बल हो । जैसे धन और धन को आकर्षित करता है वैसे ही शरीर में बल और बल को आकर्षित करता है ।
जब हमारे पास कुछ धन हो तो हम अपनी बुद्धि से उस थोड़े से धन का प्रयोग करके और धन बना सकते हैं उसी प्रकार यदि हमारे शरीर में बल हो तो हम योग, प्राणायाम और व्यायाम करके अपने शरीर में और बल पैदा कर सकते हैं ।
परन्तु हस्तमैथुन करने से शरीर में बल काम होता है और व्यायाम करने के लिए जो ऊर्जा चाहिए वो नहीं रहती । परिणाम स्वरुप धीरे-धीरे शरीर कमज़ोर होने लगता और समय से पहले बुढ़ापा दस्तक दे देता है ।
हस्तमैथुन की आदत कैसे छोड़ें ?
हस्तमैथुन की आदत छोड़नी नहीं है, यह खुद ही छूट जायेगी । हस्तमैथुन कोई क्यों करता है ? वीर्य के निकलने से जो आनंद मिलता है वह आनंद पाने के लिए व्यक्ति हस्तमैथुन करता है । उस क्षणिक आनंद में व्यक्ति सब कुछ भूल जाता है, अपनी सारी चिंताएँ भूल जाता है ।
वही आनंद यदि व्यक्ति को कहीं और मिलने लगे तो अपने आप ही हस्तमैथुन की आदत छूट जायेगी । परन्तु यह आनंद मिलेगा कहाँ ?
हस्तमैथुन से भी अधिक आनंद हनुमान जी की भक्ति में मिलेगा । सुबह जब उठें तो सबसे पहले धीमे स्वर में अपने mobile में हनुमान जी के भजन लगा दें और फिर बाथरूम में घुसें । ये ध्यान रखें कि बाथरूम के अंदर भजन की ध्वनि आणि चाहिए । जब तक आप बाथरूम से नहा कर निकल नहीं जाते तब तक हनुमान जी के भजन चलते रहने चाहिए । गुलशन कुमार के सभी भजन जो उन्होंने हनुमान जी के लिए गाये हैं सब लोड कर लीजिये और एक folder बना कर अपने phone में सारे हनुमान भजन उसमें दाल दें और play कर दें । जब तक आप बाथरूम में रहेंगे तब तक line से सभी भजन बजते रहेंगे ।
हनुमान जी के भजन में ऐसी शक्ति है कि यदि वे कानों में पड़ रहे हों तो व्यक्ति चाह कर भी गलत विचार नहीं कर पायेगा और यदि गलत विचार आएंगे ही नहीं तो गलत कर्म भी नहीं होगा । सत्य कहूं तो केवल हनुमान जी के भजन में नहीं आप जिस भी देवी देवता को मानते हैं उनका भजन लगा दीजिये तब भी परिणाम सुन्दर ही आएगा ।
स्वप्नदोष (nightfall) जाने में समय लगेगा परन्तु जिस दिन भी स्वप्नदोष हो तो घबराना नहीं है । कुछ समय बाद स्वप्नदोष होना भी बंद हो जाएगा ।
कुछ लोग स्वप्नदोष के बारे में यह कहते हैं कि जैसे बाल्टी पानी से पूरी भर जाती है वैसे ही वीर्य जब पूरा भर जाता है भीतर तो स्वप्नदोष के माध्यम से निकलता है । यह बात पूरी तरह गलत है । जब वीर्य अंदर कहीं store होता ही नहीं है तो भरेगा कैसे ? सच तो यह है जो व्यक्ति सुबह योग, प्राणायाम और व्यायाम करके फिर अपने काम पर जाता है और किसी भी तरह की गंदी फिल्में नहीं देखता और रात में स्वस्थ भोजन लेकर निद्रा को जाता है, उसका स्वप्नदोष बंद हो जाता है ।
मणिपुर चक्र की साधना भी हस्तमैथुन को रोकने के लिए प्रमाणित है । यदि आप यह सब करते हुए अपनी दिनचर्या में कुछ समय मणिपुर चक्र की साधना के लिए भी निकाल लें तो आप केवल हस्तमैथुन ही नहीं, आप पांच कलेश और छह विकारों से भी मुक्ति पा जाएंगे । अब पांच कलेश और छह विकार क्या हैं, यह जानने के लिए आप नीचे दिए गए link पर click करके पढ़ सकते हैं ।
हनुमान चालीसा में वर्णित पांच कलेश और छह विकार क्या हैं ?
मणिपुर चक्र की साधना कैसे करनी है, यह जानने के लिए नीचे दिए हुए link पर click करें ।
केवल मणिपुर चक्र की साधना से सातों चक्र जागृत हो जाएंगे
थोड़ा समय अवश्य लगेगा पर हस्तमैथुन की आदत छूट जायेगी । जब भी हस्तमैथुन करने की इच्छा हो तो अपने भगवान का नाम याद करना और उसे दोहराना और उनसे प्रार्थना करना “बल, बुद्धि, विद्या देहुँ मोहि, हरहु कलेश विकार” ।
आपने यहाँ तक इतने ध्यान से पढ़ा, आपका धन्यवाद ।